...

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हे प्रभु, थोड़ा रहम तो कर दें
हे प्रभु, थोड़ा रहम तो कर दें
मेरे कोमल कोकीली के लिए
थोड़ा धूप नरम तो कर दें
हे प्रभु थोड़ा,,,,,,,,

बड़ी नाजुक है वह
उनकी दुःख दर्द तो हर दे
जल रही है वह बेचारी
दया निधि थोड़ा दया तो कर दें
हे प्रभु थोड़ा,,,,,,,,

कैसे जान बचेगी उसकी
उसकी कार्यस्थल पर बादल भर दें
हो सके तो थोड़ी
रिमझिम-२ पानी बरसा दे
हे प्रभु थोड़ा,,,,,,,,

मेरे विनती को स्वीकार कर
हे इंद्रदेव दया दिखा दें
मैं चढ़ाऊंगा लड्डू मेवा
मेरे लिए ही सही कुछ करम तो कर दें
हे प्रभु थोड़ा,,,,,,,,

फूल से नाजुक हैं वह
कोमल काया उसकी बचा दे
एक बार अपनी तरफ से
मेरे लिए सुनहरा दिन दिखा दे
हे प्रभु थोड़ा,,,,,,,,

संदीप कुमार अररिया बिहार
© Sandeep Kumar