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सूख गया गुलाब प्रिये (केरल हीटवेव)
सूख गए वो पत्ते,
सूख गया गुलाब प्रिये।
इस बेमौसम गर्मी में,
सूखने लगा है प्यार प्रिये।
प्यार जिसे बीजा था,
हम दोनों ने एक साथ प्रिये।
सींचा था पाला था,
बड़े अरमानों के साथ प्रिये।
जाने कहाँ से ये लहर उठी,
मची धरा में त्राहि प्रिये।
चारों ओर है मातम छाया
न नीर का कहीं अब नाम प्रिये।
सूख गए दरख़्त
सूख गया गुलाब प्रिये
इस बेमौसम गर्मी ने,
कर डाला कैसा हाल प्रिये।
© Joginder Thakur
सूख गया गुलाब प्रिये।
इस बेमौसम गर्मी में,
सूखने लगा है प्यार प्रिये।
प्यार जिसे बीजा था,
हम दोनों ने एक साथ प्रिये।
सींचा था पाला था,
बड़े अरमानों के साथ प्रिये।
जाने कहाँ से ये लहर उठी,
मची धरा में त्राहि प्रिये।
चारों ओर है मातम छाया
न नीर का कहीं अब नाम प्रिये।
सूख गए दरख़्त
सूख गया गुलाब प्रिये
इस बेमौसम गर्मी ने,
कर डाला कैसा हाल प्रिये।
© Joginder Thakur
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