कितना बतलाऊं उसका दर्द मैं तुम्हें "चन्दन"🥺💔
अकेली रातों में तन्हा रो रहा था कोई,
अपने ही हौसलों को जैसे खो रहा था कोई,
हमने भी पास जाके जानने की कोशिश की,
अपने ज़ख्मों को आँसुओं से धो रहा था कोई ||
दर्द गहरा मिला था उसको दिया उसने जो,
आज दिल...
अपने ही हौसलों को जैसे खो रहा था कोई,
हमने भी पास जाके जानने की कोशिश की,
अपने ज़ख्मों को आँसुओं से धो रहा था कोई ||
दर्द गहरा मिला था उसको दिया उसने जो,
आज दिल...