किस मोड़ पर खोए हम
हर गली अनजानी
सारी सड़कें सूनी थी
उस पत्थरों के शहर में
हर मोड़ पर रोए हम
इतना तो याद है मुझको
मैंने हाथ नहीं छोड़ा
इससे आगे कुछ याद नहीं
किस मोड़ पर खोए हम
शोर सुनाई देने लगा...
सारी सड़कें सूनी थी
उस पत्थरों के शहर में
हर मोड़ पर रोए हम
इतना तो याद है मुझको
मैंने हाथ नहीं छोड़ा
इससे आगे कुछ याद नहीं
किस मोड़ पर खोए हम
शोर सुनाई देने लगा...