...

38 views

On Road Love
मैं अपनी bike पर था और वोह scooter पर थी ,
कभी मैं उसके तो कभी वोह मेरे mirror में थी..
येह सील सिला यु ही चलता रहा कुछ kilometer दूर तक,
ना मुझको कही पहोचना था, ना ही उस को कोई जल्दी थी ।

ऐक चौराहे के signal पर मामू दूर आया नज़र,
देख उस को आता वह, देखने लगी इधर उधर,

समझ गया आज तो चालान पक्का है,
बाला ख़राब होते बोल के helmet घर पर जो रखा है।

उसकी अब घबराहट बढ़ने लागि ,
चालू गाड़ी में ही self वोह मारने लगी,
अब तो गई! सोच सोच के घबराहट बढ़ रही थी....
मैं अपनी bike पर था और वोह scooter पर थी,
ना मुझ को कही पहोचना था, ना ही उस को कोई जल्दी थी..

जो होना होंगा सोच, मैं ने भी एक पहल की,
दिया अपना helmet, उस ने भी हामी भर दी।

मुझे देख अब वह मुस्कुरा रही थी ,
मैं अपनी bike पर था और वह scooter पर थी..

जैसे हुआ signal हरा,
भागी वह जैसे हो रेस का घोडा ,
पीछे अब मैं उस के जाता भी कैसे
मुझ को तो था मामू ने पकड़ा !!!

गया सब गया पैसा हेलमेट और लड़की भी जा चुकी थी,
नियत थी मेरी साफ पर मेरी 'मत' मारी गई थी,
पप्पा की डांट अलग से पड़ी, बहन सुन के हस रही थी ,

मैं अपनी bike पर था और वह scooter पर थी ,
ना मुझको कही पहोचना था, ना ही उसको कोई जल्दी थी ।।।

#WritcoAnthology
#writco
#travelstory