आज चांद से
आज चांद से पुछा मैंने,
तू क्यों ऐसे चल रहा था।
जहां गया मैं वहां से देखा,
मेरा पिछा कर रहा था।
आज चांद से पुछा मैंने।
ऐसा क्या है तुझमें,
जो इतने रंग...
तू क्यों ऐसे चल रहा था।
जहां गया मैं वहां से देखा,
मेरा पिछा कर रहा था।
आज चांद से पुछा मैंने।
ऐसा क्या है तुझमें,
जो इतने रंग...