...

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माँ अक्सर भूल जाती है....
माँ अक्सर भूल जाती है...
रोज़ अपने हिस्से की बादाम भिगोना,
घुटनों के दर्द की दवाई लेना,
तीज-त्योहारों पर सजना-सँवरना
माँ अक्सर भूल जाती है।

भूल ही जाती है सचमुच...
उधड़ती नेकरों को सिलते-सिलते
अपनी रेशमी कढ़ाई का सुंदर नमूना
रसोई से उठते मसालों की खुशबू में
घुल जाती हैं डिग्रियाँ,कोई सपन-सलोना।

कहाँ याद रहता है अब उसे
अपनी पसंद-नापसन्द का खाना
भूल जाती है अक्सर ही वो
खीर का आखरी दोना अपने लिए बचाना।

पर कुछ बातें कभी नहीं भूलती माँ
जैसे..
रोज़ सबकी पसन्द का नाश्ता बनाना,
शाम से पहले आँगन से सूखे कपड़े उठाना,
शादी-ब्याह ,लेन-देन, व्रत-उपवास
सबकी शादी,जन्मदिन की तारीखें,
दादीजी की दवाई,दूधवाले-धोबी का हिसाब,
सब कुछ अँगुलियों पर याद रखती है।

बस भूल जाती है...
अपना ही ख्याल रखना।
-Kruti✍️❤️
#mothersday #motherslove #respectmother