...

10 views

Waiting for inspiration from friends.
हे मित्रों।
हो सवेरा तुम लौट आना।
तुम प्रेरणा की छवि बन कर आना।

कविता तुम्हारी, शुक। मनसुख, बन कर रह जाती है।
शब्द तुम्हारे, शुक। दुख:व्यथा हर ले जाती है।

सम्मान रहेगा सदा तुम्हारा, तुम अश्रु के तारक हो।
शब्द शब्द में;साहस तुम्हारा, तुम मेरे मन के पालक हो।

सदा विजय हो तुम्हारी,यह कामना हो हमारी।
हो जाऊं कभी, मैं रैन गमन तों,
स्वर्ण बनकर तुम लहराना।

हो सवेरा तुम लौट आना।
तुम प्रेरणा की छवि बन कर आना।

[अर्थ=शुक-तोता, छवि-तस्वीर, रैन-रात,]

#writcowriter
@kamal