“दर्द”
बयां जो हो जाये
वो दर्द कहां होता है
दिल मे रहता है
न
आंखों से रवां होता है
लोग नादां हैं
समझते हैं...
वो दर्द कहां होता है
दिल मे रहता है
न
आंखों से रवां होता है
लोग नादां हैं
समझते हैं...