...

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अच्छा है कमरे में रो लें...
पहले आप किसी के हो लें
दिल के बारे में फिर बोलें

मरहम बनकर आने वाले
जाकर अपने ज़ख़्म टटोलें

उसकी बातें तौबा तौबा
कानों में मिसरी सी घोलें

बात गयी तो बात बनेगी
पहले तोलें फिर मुँह खोलें

लोगों के आगे रोने से
अच्छा है कमरे में रो लें।।


© राइटर.Mr Malik Ji......✍