तूं हक़ जताया कर
तु मेरी हर गलती पर गुस्सा जताया कर,
मैं रूठ जाऊं तो मुझे मनाया कर
थप्पड़ भी लगाया कर नाराज़ होकर, मेरी आंखों में आसूं आए तो सीने से भी लगाया...
मैं रूठ जाऊं तो मुझे मनाया कर
थप्पड़ भी लगाया कर नाराज़ होकर, मेरी आंखों में आसूं आए तो सीने से भी लगाया...