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#silence#
स्तब्ध ज़ब मौन बन जाता है, मेरा वज़ूद कहीं मुझ मे चिल्लाता है,
किसी मोड़ पर सब थम सा जाता है,न जाने ये क्या सिसकियाँ है हो दिल दिमाग़ को बता ही नहीं पाता है,
कि उतरने दो मुझे इस आईने मे, ज़ब तलक मै ढूँढ न लू जो मुझे मुझसे मिलाता है,
गर दिखता है कल पानी मे, फिर न जाने क्या डर है की अचानक सब धुंधला स जाता है,
_@parshi❤
© All Rights Reserved
किसी मोड़ पर सब थम सा जाता है,न जाने ये क्या सिसकियाँ है हो दिल दिमाग़ को बता ही नहीं पाता है,
कि उतरने दो मुझे इस आईने मे, ज़ब तलक मै ढूँढ न लू जो मुझे मुझसे मिलाता है,
गर दिखता है कल पानी मे, फिर न जाने क्या डर है की अचानक सब धुंधला स जाता है,
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