बेईमान इंसानियत
हम प्रकृति के अच्छे की कामना किया करते है,
लेकिन उसी प्रकृति को नुक्सान पहुंचाने का काम किया करते है,
हम लोगो को प्रकृति के प्रति जागरूक किया करते है,
और हम खुद प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया करते है,
जब लोग प्रकृति की कदर करना छोड़ देते है, तो उसे तरक्की का नाम दिया करते है,
और जब प्रकृति की बारी आती है, तो उसे बद्दुआ दिया करते है,
जब प्रकृति हम लोगो पर भरोसा किया करती है ,
तब कुछ लोग इंसानियत की हर सीमा तोड़ दिया करते है,
क्या कसूर था उन बेजुबानों का, जो उन्हें...
लेकिन उसी प्रकृति को नुक्सान पहुंचाने का काम किया करते है,
हम लोगो को प्रकृति के प्रति जागरूक किया करते है,
और हम खुद प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया करते है,
जब लोग प्रकृति की कदर करना छोड़ देते है, तो उसे तरक्की का नाम दिया करते है,
और जब प्रकृति की बारी आती है, तो उसे बद्दुआ दिया करते है,
जब प्रकृति हम लोगो पर भरोसा किया करती है ,
तब कुछ लोग इंसानियत की हर सीमा तोड़ दिया करते है,
क्या कसूर था उन बेजुबानों का, जो उन्हें...