...

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तू दुर्गा है।🔥
कहीं भी तो सुकून नहीं।
कहीं भी तो सुरक्षित नहीं।
ए लड़की !
तेरे हिस्से ही ये अपमान क्यों ?
तू कमज़ोर है ?
या फिर वो जो तेरा अपमान करते हैं?

नहीं तू कमज़ोर नहीं,
तुझे साहसी खुद बनना पड़ेगा
कब तक सहारा ढूंढेगी ?
कब तक दीन हीन बनी रहेगी??
नहीं तू दीन हीन नही ।
तुझे अपने हक के लिए खुद आवाज़ उठानी है।
आवाज़ से कुछ न बने तब तुझे तलवार भी उठानी है

तू शक्ति है ।
तू दुर्गा है।
तू जगत की जननी है।
तो विनाश भी तू कर सकती है।
डर से डरेगी तो डराया जायेगा ।
खुद ही लड़ेगी तो किसी की हिम्मत नहीं,
तेरे सामने कोई टिक पाए।
© एक पहेली💞