जन जीवन की क्या गुहार
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जग में जन - जीवन का क्या सार,
सुरक्षा- सम्मान बस एक ही गुहार,
गण - गण जन की क्या है, पुकार;
बस सुखसे रहवे घर और परिवार।
फ़िर जन - मन में क्यूं द्वेष तकरार,
फिर जन ही जन पे क्यूं करें प्रहार;
गण जन मन कौन डाल रहा दरार,
जगत में कौन फैला रहा अंधकार।
...
जग में जन - जीवन का क्या सार,
सुरक्षा- सम्मान बस एक ही गुहार,
गण - गण जन की क्या है, पुकार;
बस सुखसे रहवे घर और परिवार।
फ़िर जन - मन में क्यूं द्वेष तकरार,
फिर जन ही जन पे क्यूं करें प्रहार;
गण जन मन कौन डाल रहा दरार,
जगत में कौन फैला रहा अंधकार।
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