मिट्टी में मिलता पाया
एक दिन जो, सो के जागा
सब कुछ था बदला पाया
मिट्टी के तन को मैंने
मिट्टी में मिलता पाया
ये हाथ भी थी मिट्टी
ये ऑंख भी थी मिट्टी
सब कुछ यहीं था पाया
सब कुछ यहीं गवाया ...
सब कुछ था बदला पाया
मिट्टी के तन को मैंने
मिट्टी में मिलता पाया
ये हाथ भी थी मिट्टी
ये ऑंख भी थी मिट्टी
सब कुछ यहीं था पाया
सब कुछ यहीं गवाया ...