...

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फिर से कर शुरुआत तु
कर लें एतबार खुद पर तु
हार कर फिर से कर शुरुआत
कानों में जो दुनिया शोर करें
मत सुन सारी फ़िज़ूल की बात

ठहरे ठहरे कुछ ना मिले
क़दम बढ़ा ले दुनिया झुकें
वक्त की कीमत ध्यान में रख
तेरा ज़फ़र कभी ना रूके

पंछी बन कर उड़ जा आसमां में
डर ना रख तु गिरने का
रात हार की सुबहा गई
फिर कल में क्यों मरने का

कर लें ख़ुद से बातें सारी
बता दें ग़म ख़ुद से तु
हताश होना वीरों की फितरत कहां
उठ फिर से कर शुरुआत तु

शमशीर उठा लें हाथों में
यलगार हों दुश्वार पर
आंखों में लेके आग तु
जोश हो हर वार पर

किस्मत किस्मत ना करो तुम
मुकद्दर तेरा गुलाम हो
सुबह से ऐसा सफ़र करो तुम
मंजिल पे तेरी शाम हो

हारा तु हो लाखों बार
पर चलना तेरा काम है
हताश होने का वक्त कहां
जो सफ़र के नशे का जाम है

रूकना ठहरना फितरत से निकाल
बातों में जीत की कर बात तु
जीवन का इक ही फरमान समझो
फिर से कर शुरुआत तु
-उत्सव कुलदीप










© utsav kuldeep