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मुलाक़ात
वो मुद्दतों से,
एक मुलाक़ात मांगता हैं
कहता हैं वो हो
चाय का,एक साथ
तो
साथ बहोत हैं
हाथो में हो हाथ तो
हाथ बहोत हैं
मोहब्बत में वो मेरी
सदियों से बहोत हैं
ख़ामोशी में भी उसकी
आवाज़ बहोत हैं
सीने में दबे हैं अहसास
उसके,
इस बात की खबर
मुझे भी सदियों से हैं
स्मृति.
एक मुलाक़ात मांगता हैं
कहता हैं वो हो
चाय का,एक साथ
तो
साथ बहोत हैं
हाथो में हो हाथ तो
हाथ बहोत हैं
मोहब्बत में वो मेरी
सदियों से बहोत हैं
ख़ामोशी में भी उसकी
आवाज़ बहोत हैं
सीने में दबे हैं अहसास
उसके,
इस बात की खबर
मुझे भी सदियों से हैं
स्मृति.
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