...

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वैसी ही थोड़ी उम्मीद तुमसे भी है मुझे
जिंदगी मिली है तो चलेगी ही,
पर कुछ खुशियां लॉक करना चाहती हूं,
जिसे चाह के भी कोई धुंधला ना कर पाए,
जैसे :
कभी तुम्हारे रूठने पे मैं तुम्हे मना लेती हूं,
वैसी ही थोड़ी उम्मीद तुमसे भी है मुझे,
तुम्हारी खुशी के लिए जान लगा देती हूं,
वैसी ही थोड़ी उम्मीद तुमसे भी है मुझे,
तुम्हारे हर अपने को अपना बना लेती हूं,
वैसी ही थोड़ी उम्मीद तुमसे भी है मुझे।।
चाहत नई मुझे सोने चांदी की इतनी,
तुम्हारा साथ काफी है,
चाहत नही बहुत से धन दौलत की,
तुम्हारा प्यार मिले वो काफी है,
जानती हूं मुझमें बहुत बचपना है,
पर उस बचपने से ही तो तुम्हें अपने से बड़ा मान पाती हूं,
इस बचपने से तुम अपने प्यार से अपने अनुसार ढाल सकते हो मुझे,
मुझे आजाद नहीं होना,
तुमसे बंध के रहना है,
पर सच ये है की,
तुम प्यार से मुझे जितनी आजादी दोगे,
मैं उतनी ही बंध जाऊंगी,
चाहे जो हो रहना तो तुम्हारे साथ ही है आखिरी तक,
क्योंकि ये वादा खुद से जो किया है,
और जानेमन जितना पल तुम्हारे साथ जिया है,
बहुत ईमानदारी से जिया है,
फ्यूचर का पता नही पर अब तक जितना जिया है,
सिर्फ आज में जिया है।।
कल नही पता कैसा दिन होगा,
कैसी यादें बनेंगी,
इसीलिए:
जैसा प्यार तुमसे मैं करती हूं,
वैसी ही थोड़ी उम्मीद तुमसे भी है मुझे,
जिस तरह तुम्हारे साथ खुलकर मैं हंसती हूं,
वैसी ही थोड़ी उम्मीद तुमसे भी है मुझे,
माना मैं थोड़ी सी ज्यादा बातूनी हूं,
पर तुम थोड़ा तो बोलो,
वैसी ही थोड़ी उम्मीद तुमसे भी है मुझे,

जिंदगी मिली है तो चलेगी ही
पर कुछ खुशियां लॉक करनी है मुझे,


From:-
अर्चना शुक्ला
© Archana Shukla