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शूर वीर
तेरी धमकियों से भी न डरु, वो शौर्य हूं मै,
तू जो सोचता है वो नही, कुछ और हूं मैं॥
समर में शस्त्रो से जो निकले, वो शोर हूं मैं,
अपनी धरा,अपने परिवार का, सिरमौर हूं मैं॥
शायद तुझे ये पता नही, तभी तो ताक में है,
पर कोई तिनका नहीं , इक सूर्य हूं मैं॥
© लफ़्ज़
तू जो सोचता है वो नही, कुछ और हूं मैं॥
समर में शस्त्रो से जो निकले, वो शोर हूं मैं,
अपनी धरा,अपने परिवार का, सिरमौर हूं मैं॥
शायद तुझे ये पता नही, तभी तो ताक में है,
पर कोई तिनका नहीं , इक सूर्य हूं मैं॥
© लफ़्ज़
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