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एकान्त...
ए यादो यहाँ मत आओ, सो रहा हैं मेरा एकान्त,
अपनी बातों से ना छेडो,शांत हैं अब मेरा एकान्त,
आए थे जिन्दगीमें,खुशीके दो-चार पल लेकर,
चले गए तूम रह गया बस अकेला मेरा एकान्त,
सूर मिलाए थे कभी मेरे सूर के साथ तूने,
बिखर गए सूर रह गया सुना मेरा एकान्त,
साथ था जिवनभर का चलना था कदम मिलाके,
निकल गए तूम आगे साथ चला मेरा एकान्त,
मिले जो चाहो खूशी तूमको गम ना आए पास,
बिताएंगे जिन्दगी साथ तेरी याद मेरा एकान्त,
सो रही हुं कब्रमें देखो मत जगाना मुझे अब,
मेरे साथ यहाँ सो रहा हैं आज मेरा एकान्त...
© Bansari Rathod ' ईश '
अपनी बातों से ना छेडो,शांत हैं अब मेरा एकान्त,
आए थे जिन्दगीमें,खुशीके दो-चार पल लेकर,
चले गए तूम रह गया बस अकेला मेरा एकान्त,
सूर मिलाए थे कभी मेरे सूर के साथ तूने,
बिखर गए सूर रह गया सुना मेरा एकान्त,
साथ था जिवनभर का चलना था कदम मिलाके,
निकल गए तूम आगे साथ चला मेरा एकान्त,
मिले जो चाहो खूशी तूमको गम ना आए पास,
बिताएंगे जिन्दगी साथ तेरी याद मेरा एकान्त,
सो रही हुं कब्रमें देखो मत जगाना मुझे अब,
मेरे साथ यहाँ सो रहा हैं आज मेरा एकान्त...
© Bansari Rathod ' ईश '
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