संघर्ष
जीवन की इस राह पर,
कितनी ठोकर खाई मैंने,
मैं फिर भी चला,
आगे बढ़ा;
न रुका न थका,
बस चलते चला।
हर वक्त मैं वक्त से...
कितनी ठोकर खाई मैंने,
मैं फिर भी चला,
आगे बढ़ा;
न रुका न थका,
बस चलते चला।
हर वक्त मैं वक्त से...