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दिल छोड़ आएं हम।
सपनों के महल से सपना तोड़ आएं हम।
जिस्म ले आए मगर दिल छोड़ आएं हम।
बेरंग से बेहतर रंग, है कहां कोई और रंग!
बिखरे चिनारों सा सतरंग खोड़ आएं हम।
धुंधली मंजिलों में, पथरीले डगर में हम भी!
कितने नादान है जो नंगे पांव दौड़ आएं हम।
आंखों में प्यारा सपना सजाए जी रहें हम!
दुनियाँ के बातों मे आँखों को फोर आएं हम।
कतरा कतरा अब बिखर जाने दो मुझको!
हादसा न हो इसलिए मौत की ओर आए हम।
© महज़
जिस्म ले आए मगर दिल छोड़ आएं हम।
बेरंग से बेहतर रंग, है कहां कोई और रंग!
बिखरे चिनारों सा सतरंग खोड़ आएं हम।
धुंधली मंजिलों में, पथरीले डगर में हम भी!
कितने नादान है जो नंगे पांव दौड़ आएं हम।
आंखों में प्यारा सपना सजाए जी रहें हम!
दुनियाँ के बातों मे आँखों को फोर आएं हम।
कतरा कतरा अब बिखर जाने दो मुझको!
हादसा न हो इसलिए मौत की ओर आए हम।
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