ढाई अक्षर प्रेम के
जो तीखे तीखे बाण चलाते वो होते है अक्षर प्रेम के
पड़ा हु इसमें मैं समझ न पाऊं ये ढाई अक्षर प्रेम के
भेद भाव गोरी काली चमड़ी का बढ़ा व्यपार यहाँ
होते इज़हार है दिल के यहाँ पर ढाई अक्षर प्रेम से
एक...
पड़ा हु इसमें मैं समझ न पाऊं ये ढाई अक्षर प्रेम के
भेद भाव गोरी काली चमड़ी का बढ़ा व्यपार यहाँ
होते इज़हार है दिल के यहाँ पर ढाई अक्षर प्रेम से
एक...