विधवा...
ना चाहते हुए भी लिपट चुका था
आखिर मैने कहा ये लिबास चुना था
उस रोज बेरंग हवाओ सा खुद को देखा
मेने जीते जी मौत का मंजर देखा
अर्थी से उठ चिता पर वो जला था
फिर क्यों मेरी मौत का मातम हुआ था
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आखिर मैने कहा ये लिबास चुना था
उस रोज बेरंग हवाओ सा खुद को देखा
मेने जीते जी मौत का मंजर देखा
अर्थी से उठ चिता पर वो जला था
फिर क्यों मेरी मौत का मातम हुआ था
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