...

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नमी आंखे....
......नमी आंखे....
सहम जाती है आंखे मेरी
देखकर नए मोड़ की तस्वीर
डर जाती है आंखे मेरी
जिम्मेदारियों के दल दल से

यू तो खुदसे वादा है
सब संभालने का इरादा है
थक जाती है आंखे कभी
होती है जब मुझ में कमी

जिंदगी शिकायत तो कुछ नही
बस दर जाता है दिल
सहम जाती है आंखे

कभी आंखे भीग जाती है,
अल्फाज दिल पर हावी भी होजाते है
............…...................................
नौशाबा जिलानी सुरिया
© naush..