...

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अधिकार दे दे तो?
तेरी नाज़ुक सी आँखों को,
कविता का विषय बनादू,
अधिकार दे दे तो?

अपने प्यार की किताबें बनाकर,
तुझे मशहूर बनादू,
अधिकार दे दे तो?

तुझे धरती पर आकर सब का प्यार मिला है,
ए प्यार को में भूलादू,
अधिकार दे दे तो?

"संकेत "तुझे पाकर और कोई चाहत नहीं,
अधिकार दे दे तो?

डाँ. माला चुडासमा "संकेत "
गीर सोमनाथ

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