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तुम नज़र नहीं आते
तुम नज़र क्यूं चुराए जाते हो जब नजरों को लफ्जों से सलाम करते हैं
तुम जुल्फें क्यूं सवारने लगते हों जब लफ्जों से घटा का जिक्र करते हैं
तुम पायल क्यों छुपा लेते हों जब लफ्जों से बारिश का जिक्र करते हैं
तुम लबों को क्यूं काट ने लगते हों जब लफ्जों में शरारत का जिक्र करते हैं
तुम शर्माकर अंगड़ाई क्यूं लेते हों जब लफ्जों में दिसंबर का जिक्र करते हैं
© Hems
तुम जुल्फें क्यूं सवारने लगते हों जब लफ्जों से घटा का जिक्र करते हैं
तुम पायल क्यों छुपा लेते हों जब लफ्जों से बारिश का जिक्र करते हैं
तुम लबों को क्यूं काट ने लगते हों जब लफ्जों में शरारत का जिक्र करते हैं
तुम शर्माकर अंगड़ाई क्यूं लेते हों जब लफ्जों में दिसंबर का जिक्र करते हैं
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