...

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हा बस घर ही रह जाएगा.....😔
छोटी उंगली जो थाम चली थी,
वो नन्ही काली जो जान मेरी थी।
कभी मुझे घोड़ा बनती,खुद बंदर बन जाती
आज वो देखो सायान खड़ी है
आज वही घर छोड़ चली है
ये लम्हा ये कैसा पल है
जो लक्ष्मी कभी थी मेरे घर की,
पगड़ी थी वो मेरे सर की
अब वो किसी और का कल है
ये घर तो बस उसका छल है

कल जो तू चली जाएगी
दूसरे घर सजाने को
इस घर को सजाएगा,
मुझको डाट कोन लगाएगा
बचपन तेरा मैंने संवारा
मेरा बुढ़ापा कोन हसाएगा
कल जो तू चली जाएगी
ये बस घर रह जाएगा...

अरे पगली बिगाड़ा है मुझको तूने
आदतें मुझे सुधारनी होगी
छोटी छोटी बातों का ध्यान रखती थी
अब मुझे ही याद से दवा खानी होगी
मैया तेरी रोए बेहाल है
मुझे ही उसे संभालना होगा
बचकाना,चिल्लाना ना होगा घर में
चॉकलेट,चिप्स रखा ही रह जाएगा।
कल जो तू चली जाएगी
हा सच ये घर रह जाएगा..

बसंत की ऋतु होती हैं बेटियां
हर जगह महकती है
बाबा के घर लहलहके फिर वो
दहलीज पर खिलखिलाती है
दान कन्या का मै कर रहा
आज वो ईश्वर भी मुझसे जल रहा
मेरे सपनो का फ़सल ये अब तो
दूसरों का अमृत कहलाएगा
कल जो तू चली जाएगी
ये बस,बस घर ही रह जाएगा......