...

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पोशीदा
पोशीदा सा कुछ इर्द गिर्द घूमता रहता है
तेरा ख़्याल क्यूँ तसव्वुर में छुपा रहता है
रातों को तनहाइयों में अब ये आलम है
तेरा वज़ूद हर सू आँखों में बसा रहता है

कहने को बातें ना जाने कितनी...