स्कूल की यादें....
छोटे कदमों से चले उस डगर पे
१५ साल के उस अनमोल सफ़र पे
स्कूल का वो पहला वार
लगा जैसे खुदके और अपनों के बीच एक बड़ा द्वार
दुःख हुआ माॅं - बाप से बिछड़ने का
लेकिन वो समय था जीवन के नये सफ़र का
घर पहुंच कर मिली ऐसी खुशी
जैसे वर्षों की दुआ हुई पुरी
दिन गुज़रते गये
यादों का कारवां सजता गया
टीचर की...
१५ साल के उस अनमोल सफ़र पे
स्कूल का वो पहला वार
लगा जैसे खुदके और अपनों के बीच एक बड़ा द्वार
दुःख हुआ माॅं - बाप से बिछड़ने का
लेकिन वो समय था जीवन के नये सफ़र का
घर पहुंच कर मिली ऐसी खुशी
जैसे वर्षों की दुआ हुई पुरी
दिन गुज़रते गये
यादों का कारवां सजता गया
टीचर की...