हम झील किनारे जा बैठे
कभी वक्त मिले तो अजाओ
हम झील किनारे जा बैठे
तुम अपनी सुख की बाते करना
हम अपने दुख की बात करे
और उन लम्हों की बात करे
जो संग तुम्हारे बीत गए
हम शहर के आवारा वासी
तुम चांद सितारों के मालिक
कभी वक्त मिले तो आ जाओ
हम झील किनारे जा बैठे
उन सब्ज रातों के दामन में
हम प्यार की खुशबू महकाए
उन बिखरी मस्त नजरो को
हम आंखो में तस्वीर करे
पत्थर पे गिरते पानी को
हम ख्वाब की ताबीर करे
उस वक्त के डूबते सुरज को
हम चाहत की जागीर करे
फिर अपने प्यार के जादू से
फिर उन लम्हों को जंजीर करे
कभी वक्त मिले तो आ जाओ
हम झील किनारे जा बैठे
© shubh_shayarivibes_
हम झील किनारे जा बैठे
तुम अपनी सुख की बाते करना
हम अपने दुख की बात करे
और उन लम्हों की बात करे
जो संग तुम्हारे बीत गए
हम शहर के आवारा वासी
तुम चांद सितारों के मालिक
कभी वक्त मिले तो आ जाओ
हम झील किनारे जा बैठे
उन सब्ज रातों के दामन में
हम प्यार की खुशबू महकाए
उन बिखरी मस्त नजरो को
हम आंखो में तस्वीर करे
पत्थर पे गिरते पानी को
हम ख्वाब की ताबीर करे
उस वक्त के डूबते सुरज को
हम चाहत की जागीर करे
फिर अपने प्यार के जादू से
फिर उन लम्हों को जंजीर करे
कभी वक्त मिले तो आ जाओ
हम झील किनारे जा बैठे
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