माँ
मेरी निगाहों को पहचानती है
मेरी ख़ामोशी को जानती है
उसे अल्फ़ाज़ों की ज़रूरत नहीं
वो माँ है साहब वो सब जानती है
©️डॉ.मनीषा मनी
© Dr.Manishaa Mani
मेरी ख़ामोशी को जानती है
उसे अल्फ़ाज़ों की ज़रूरत नहीं
वो माँ है साहब वो सब जानती है
©️डॉ.मनीषा मनी
© Dr.Manishaa Mani