...

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जिंदगी जीने का सलीका आ गया ||
जिंदगी जीने का सलीका आ गया ||
आंखें में नमी और होठों से मुस्कुराना आ गया ||

मंजर हैं कई जिंदगी की राहों में,
हर मंजर है खुशनुमा
ये दिल को समझाना आ गया ||

कभी रो दिया करते थे जिन मुश्किल राहों में ,
आज उनपर मुस्कुराना आ गया ||

डगमगा जाते थे कदम जिन राहों में , आज उन्हीं रहों पर बेखौफ चलना आ गया ||

जिंदगी जीने का सलीका आ गया |
अंखो में नमी और होठों से मुस्कुराना आ गया ||
© Seema Chauhan