To fir
तुम्हारे सितम का कर्ज़ है मुझ पर
मैने चुका दिया तो फिर?
मुझे रुलाने की साजिशे खूब,
मैं अब भी मुस्कुरा दिया तो फिर?
खैर है अब आप खुद को फरिश्ता समझते है,
मैंने आईना दिखा दिया तो फिर?
चलो माना मैं हार गया,
लेकिन अगर तुम्हे हरा दिया तो फिर?
तुम्ही से तुम्हारा सच उगल वादिया तो फिर?
खुद का नुकसान गिनवादिया तो फिर?
© IAS Albab Quddusi
मैने चुका दिया तो फिर?
मुझे रुलाने की साजिशे खूब,
मैं अब भी मुस्कुरा दिया तो फिर?
खैर है अब आप खुद को फरिश्ता समझते है,
मैंने आईना दिखा दिया तो फिर?
चलो माना मैं हार गया,
लेकिन अगर तुम्हे हरा दिया तो फिर?
तुम्ही से तुम्हारा सच उगल वादिया तो फिर?
खुद का नुकसान गिनवादिया तो फिर?
© IAS Albab Quddusi