शायरी
ये जिद नहीं हैं हमारी कीं
आप हमसें मोहब्बत करें
बस अपनें गम और आँसू हीं दें दो...
जिनकों हम रब कीं इनायत
समझकर सजदा करें..
शोभा मानवटकर...
आप हमसें मोहब्बत करें
बस अपनें गम और आँसू हीं दें दो...
जिनकों हम रब कीं इनायत
समझकर सजदा करें..
शोभा मानवटकर...
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