माँ तुम झूठी हो......
मां तुम झूठी हो|
हां झूठी,अक्सर तकलीफ में हो कर भी तुम्हें हंसते, और सब बढ़िया तो है कहते देखा है|
अक्सर खुद के लिए एक साड़ी होने पर भी हमारे लिए ही कपड़े लाते देखा है |
अक्सर खाना काम पड़ने पर एक ही रोटी में आपका पेट भरते देखा है|
मां को जिंदगी के हर रोल में तपते देखा है |
मां को अक्सर मेरी खुशियों में हंसता देखा है, मां को अक्सर अपनी कामयाबी में खुशी के आंसू रोता देखा है,
मां को हम सबके लिए खुद से समझौता करते देखा है,
मां को हमारे सपनों के बीच खुद के सपनों को पीछे छोड़ते देखा है |
मां को आज भी तकलीफ में आंसू दबाते देखा है |
मां को खुद में खोता देखा है,
मां तुम झूठी हो, तुम्हें अक्सर मैं परेशान ना हो जाऊ, इसलिए झूठ बोलते देखा है ||
अक्सर सोच में पड़ जाता हूं...आखिर जो खुद के बचपन में कम उम्र मे नानी के न रह जाने पर,माँ का प्यार ना देख पाई,
जिसने ना ही कभी मां की प्यार भरी डाट देखी,
ना ही प्यार भरी थपकी महसूस की |
फिर भी न जाने कहां से सीखी होगी ना वो,
पर आज भी हमें वही प्यार, दुलार, प्यार भरी थपकी देती आई है...... ❤❤❤❤
❤Happy Mother day❤
WrittenBy• ADARSH
हां झूठी,अक्सर तकलीफ में हो कर भी तुम्हें हंसते, और सब बढ़िया तो है कहते देखा है|
अक्सर खुद के लिए एक साड़ी होने पर भी हमारे लिए ही कपड़े लाते देखा है |
अक्सर खाना काम पड़ने पर एक ही रोटी में आपका पेट भरते देखा है|
मां को जिंदगी के हर रोल में तपते देखा है |
मां को अक्सर मेरी खुशियों में हंसता देखा है, मां को अक्सर अपनी कामयाबी में खुशी के आंसू रोता देखा है,
मां को हम सबके लिए खुद से समझौता करते देखा है,
मां को हमारे सपनों के बीच खुद के सपनों को पीछे छोड़ते देखा है |
मां को आज भी तकलीफ में आंसू दबाते देखा है |
मां को खुद में खोता देखा है,
मां तुम झूठी हो, तुम्हें अक्सर मैं परेशान ना हो जाऊ, इसलिए झूठ बोलते देखा है ||
अक्सर सोच में पड़ जाता हूं...आखिर जो खुद के बचपन में कम उम्र मे नानी के न रह जाने पर,माँ का प्यार ना देख पाई,
जिसने ना ही कभी मां की प्यार भरी डाट देखी,
ना ही प्यार भरी थपकी महसूस की |
फिर भी न जाने कहां से सीखी होगी ना वो,
पर आज भी हमें वही प्यार, दुलार, प्यार भरी थपकी देती आई है...... ❤❤❤❤
❤Happy Mother day❤
WrittenBy• ADARSH
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