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मेरे भोले भंडारी है
जिनके जटाओं में है वास गंग का
जिनके गले में है हार विश्व भुजंग का
वह कृपाचारी, ब्रह्मचारी
मेरे शिव, मेरे भोले भंडारी है
वह नृत्य सम्राट,
वह योग सम्राट,
मेरे स्वामी,मेरे इष्ट
मेरे भोले भंडारी है ।
वे ही आदियोगी
वे ही कृपाकारी है
जिन्हें पूजता पुरा संसार
वे मेरे परम् गुरु आदियोगी है
जो श्रृष्टि कल्याणकारी
जो विष धारी है
जो कृपा कारी है
वह मेरे भोले भंडारी है।
जिन्होने मुझे शब्द दिया
जिन्होने मेरा कल्याण किया
जिनका नाम मैंने हरपल लिया
वह मेरे भोले भंडारी है
जिनके प्रेम की है पूजा करता
जिनका हरपल है नाम जपता
वह आदियोगी भक्त प्रेमयोगी है
महादेव के अस्तित्व से है जिसका नाम वह प्रेमयोगी है।
॥ हर हर महादेव शंभो शंकर ॥
© Premyogi
#mahashivratri #HARHARMAHADEV #poetrylovers #Shayari #premyogi
जिनके गले में है हार विश्व भुजंग का
वह कृपाचारी, ब्रह्मचारी
मेरे शिव, मेरे भोले भंडारी है
वह नृत्य सम्राट,
वह योग सम्राट,
मेरे स्वामी,मेरे इष्ट
मेरे भोले भंडारी है ।
वे ही आदियोगी
वे ही कृपाकारी है
जिन्हें पूजता पुरा संसार
वे मेरे परम् गुरु आदियोगी है
जो श्रृष्टि कल्याणकारी
जो विष धारी है
जो कृपा कारी है
वह मेरे भोले भंडारी है।
जिन्होने मुझे शब्द दिया
जिन्होने मेरा कल्याण किया
जिनका नाम मैंने हरपल लिया
वह मेरे भोले भंडारी है
जिनके प्रेम की है पूजा करता
जिनका हरपल है नाम जपता
वह आदियोगी भक्त प्रेमयोगी है
महादेव के अस्तित्व से है जिसका नाम वह प्रेमयोगी है।
॥ हर हर महादेव शंभो शंकर ॥
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