वाह वाह होती है
एक शायर की एक जिंदगी तबाह होती है
तब जा कर कहीं वाह वाह होती है
दर्द होता है जख्म होते है
और शायरी क्या होती है
अधूरी ख्वाहिशो का कल्पना घर कहिए
कुछ पल सुकून की हवा होती है
जो मर्ज समझ ना आते है...
तब जा कर कहीं वाह वाह होती है
दर्द होता है जख्म होते है
और शायरी क्या होती है
अधूरी ख्वाहिशो का कल्पना घर कहिए
कुछ पल सुकून की हवा होती है
जो मर्ज समझ ना आते है...