कबूतर
बोया हैं ख़्वाब मैंने ख़ुदा साथ हैं मेरे , यूं ही नहीं बेमौसम हुई बरसात हैं !
बताना हैं जरा सा उसे, यूं ही...
बताना हैं जरा सा उसे, यूं ही...