क्या अब भी जायज़ है 🥺
उसके नाम से मेरे चेहरे के रंग का बदल जाना
क्या अब भी जाय़ज है
सुन किसी और से उसकी बातें
मेरी धड़कनो का बढ़ जाना
क्या अब भी जायज़ है
इतनी तकलीफ़ तो...
क्या अब भी जाय़ज है
सुन किसी और से उसकी बातें
मेरी धड़कनो का बढ़ जाना
क्या अब भी जायज़ है
इतनी तकलीफ़ तो...