...

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वीर
जब तलवार खिंचे तो रक्त चढ़े
जब नाड बजे तो गर्जन हो
जब वीर उठे तो मर्दन हो

जग वीर की गर्जन से काँपे
गज भी पीछे को भागे
शेर भी अपना सिंहासन छोड़े
पर वीर न अपना रास्ता मोड़े

तलवार म्यान से निकल पड़ी
दुश्मन के शीने में जा के चुभी
दुश्मन ने जब दम तोड़ दिया
वीर तभी मुस्काया हैं

जब तलवार खिंचे तो रक्त चढ़े
जब नाड...