भूली बिसरी यादें
आज बरसो बाद...
किसी की कलाई में इस चुड़े कों देख...
मुझे भी वो भुला बिसरा दिन याद आ गया...
जब इस चुड़े के शोख और खुशनुमा रंग की तरह....
हम भी कभी बड़े शोख और खुशनुमा हुआ करते थे...
फिर बड़ी ही जल्दी ज़िन्दगी में वो मंजर आया...
जब हम इस चुड़े के साथ- साथ..
अपने सारे ख़्वाब....अरमान और
जज़्बात दफ़न कर आये ....
इस ज़िन्दगी के सफर में ...
ना जाने कितनी दूर....
यु तन्हा ही निकल आये...!!
किसी की कलाई में इस चुड़े कों देख...
मुझे भी वो भुला बिसरा दिन याद आ गया...
जब इस चुड़े के शोख और खुशनुमा रंग की तरह....
हम भी कभी बड़े शोख और खुशनुमा हुआ करते थे...
फिर बड़ी ही जल्दी ज़िन्दगी में वो मंजर आया...
जब हम इस चुड़े के साथ- साथ..
अपने सारे ख़्वाब....अरमान और
जज़्बात दफ़न कर आये ....
इस ज़िन्दगी के सफर में ...
ना जाने कितनी दूर....
यु तन्हा ही निकल आये...!!