ऐतबार
होश सम्हाला तुझे जाना तुझे प्यार किया,
मेरे महबूब तेरी हर बात पे ऐतबार किया।
खुदा गिल्मा व कयामत को माना बरहक,
रोजे जजा के लिए खुद को तैयार किया।
मै जानता हूँ बकशिश के लायक हूँ नहीं,
पर आप के नाम पे दिल को बीमार किया।
© abdul qadir
मेरे महबूब तेरी हर बात पे ऐतबार किया।
खुदा गिल्मा व कयामत को माना बरहक,
रोजे जजा के लिए खुद को तैयार किया।
मै जानता हूँ बकशिश के लायक हूँ नहीं,
पर आप के नाम पे दिल को बीमार किया।
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