आंखों की तमन्ना
दिल के अरमां को,, दिल में बसा दूं
गुजरे पल को ,,तेरी यादों में बसा लूं
कब ना थी कद्र ,,,तरसती आंखों की तेरी
तुझ से होकर गुजरती है हर जिंदगी मेरी
चाहत थी बहुत कहने की, क्यों ना तुम...
गुजरे पल को ,,तेरी यादों में बसा लूं
कब ना थी कद्र ,,,तरसती आंखों की तेरी
तुझ से होकर गुजरती है हर जिंदगी मेरी
चाहत थी बहुत कहने की, क्यों ना तुम...