...

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रिश्ते
आज तक सुना था...जमाना बदलता है
पर आज जाना कि लोग भी बदल जाते हैं
आज तक सुना था कि रिश्ते या तो खून से..या दिल से जुड़ा करते हैं
पर आज जाना कि रिश्ते तो सिर्फ मतलब से बना करते हैं
लोग कहते हैं कि आजकल के बच्चों को रिश्तो पर विश्वास नहीं है
उनके लिए रिश्तो के कोई मायने ही नहीं है
प्यार की जगह देखी सिर्फ नफरत जिन्होंने रिश्तो में
मुस्कुराहट को बदलते देखा आंसुओं में पूरा बचपन जिन बच्चों ने
खुशी की जगह जहां देखी हमेशा कड़वाहट उन्होंने
रिश्तेदारों की शक्ल में शैतान देखे जिन्होंने
कैसे वह एतबार करेंगे फिर उन लोगों का
कैसे सम्मान करेंगे वह उन रिश्तो का
आखिर कसूर क्या है उन बच्चों का???


© Megha