प्रेम
पावै को चाहे नहीं, केवल देता जाय
नित पल-पल जलता रहे, तब पर भी मुस्काय।
अपने भीगे लेटकर, सूखे लाल सुलाय
शिशु को सुख में देखकर, मात परमसुख पाय।
खून-पसीना एक कर, पैसा पिता कमाय
पूत सुता परिवार पर, सगरा जगत...
नित पल-पल जलता रहे, तब पर भी मुस्काय।
अपने भीगे लेटकर, सूखे लाल सुलाय
शिशु को सुख में देखकर, मात परमसुख पाय।
खून-पसीना एक कर, पैसा पिता कमाय
पूत सुता परिवार पर, सगरा जगत...