...

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आँसूं ना मुझको पिलाया करो
हमको तड़पाते हो औ निकल जाते हो।
अपने ही वादों से जब फिसल जाते हो।।

आग लग जाती है दिल ये जल जाता है।
फिर भी बेशर्म तुम पर फिसल जाता है।।

दिल तुम्हें जाना है तो चले जाओ तुम।
धड़कनों को भी चाहो तो ले जाओ तुम।।

पर मुझे अब ना उनसे मिलाया करो।
मेरे सीने को अब ना जलाया करो।।

प्यास हद तक हमारी है मिट सी गई।
और आँसू ना मुझको पिलाया करो।।
© Kautilya Pandit