यादें
बोहत सारी चीजें याद आयी हैं आज मुझे ,
बोहत सारे लम्हे एक बार फ़िर से छूते हुए गुज़रे है मुझको...
ना जाने कितनी ही गली,...
बोहत सारे लम्हे एक बार फ़िर से छूते हुए गुज़रे है मुझको...
ना जाने कितनी ही गली,...