...

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बैचैनी
किसी का ख्याल जब आया, हूई फिर ये बैचैनी ।
किसी पर मन जब ललचाया, हूई फिर ये बैचैनी ।।

हजारो कि भीड में, खुश रहा हर बार मगर ।
पर खुद को तन्हा जब पाया, हूई फिर ये बैचैनी ।।

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© Bannasa008